
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 अब दिल्ली से लेकर पटना तक सुर्खियों में है। बीजेपी और आरजेडी दोनों ने अपनी रणनीति के मोहरे चला दिए हैं — और दिलचस्प बात यह है कि 3 सितंबर दोपहर 2 बजे, दोनों पार्टियों की बड़ी रणनीतिक बैठकें एक साथ शुरू हुईं।
जहां दिल्ली में अमित शाह बीजेपी की सीट डील को अंतिम रूप देने में जुटे हैं, वहीं पटना में तेजस्वी यादव RJD के नेताओं के साथ जमीनी प्लान तैयार कर रहे हैं।
रणनीति का सेंटर: दिल्ली और पटना का पोलिटिकल फेस-ऑफ
दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने निवास पर बिहार बीजेपी के टॉप नेताओं के साथ महत्वपूर्ण मीटिंग बुलाई है। इसमें शामिल हैं:
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प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल
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डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी
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विजय कुमार सिन्हा, गिरिराज सिंह, और नित्यानंद राय
मुख्य एजेंडा: NDA के अंदर सीट बंटवारे को अंतिम रूप देना, खासकर LJP (रामविलास) और अन्य सहयोगियों की डिमांड को देखते हुए।
चिराग पासवान की मांग बनी सिरदर्द?
LJP (R) नेता अरुण भारती ने पार्टी के लिए 135 सीटों की मांग कर दी है, जो कि 2020 में अकेले लड़ने के ट्रैक रिकॉर्ड पर आधारित है।
बीजेपी के लिए यह एक चुनौती बन चुका है — क्योंकि सीट शेयरिंग से पहले ही दबाव बनने लगा है।
ऐसे में अमित शाह की यह बैठक केवल सीट डील नहीं, बल्कि गठबंधन संतुलन साधने का भी प्रयास है।
पीएम मोदी भी हुए एक्टिव
इस मीटिंग से ठीक पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बिहार को लेकर बड़ी पहल की:
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2 सितंबर को करोड़ों की परियोजनाएं वर्चुअली लॉन्च कीं
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13 सितंबर को पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे
यह साबित करता है कि बीजेपी चुनाव की प्लानिंग सिर्फ कागज़ पर नहीं, ज़मीन पर भी उतार रही है।
पटना से तेजस्वी यादव की पलटवार मीटिंग
पटना में तेजस्वी यादव ने भी बड़ा दांव चला है। उन्होंने सभी विधायकों, एमएलसी और प्रदेश पदाधिकारियों के साथ पार्टी की रणनीति बैठक बुलाई है।
मीटिंग के फोकस मुद्दे:
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‘वोटर अधिकार यात्रा’ के फीडबैक
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युवाओं और रोजगार पर आधारित मुद्दे

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सामाजिक न्याय और संगठनात्मक मजबूती
तेजस्वी इस चुनाव में युवाओं और बेरोजगारी को मुख्य एजेंडा बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
राजनीति का नया चौराहा: शाह बनाम यादव
दोनों बैठकों का एक ही समय पर होना यह दर्शाता है कि बिहार की राजनीति अब पूरी तरह से रणक्षेत्र में तब्दील हो चुकी है।
एक तरफ अमित शाह का दिल्ली से मास्टरस्ट्रोक, दूसरी ओर तेजस्वी यादव का जमीनी फीडबैक मंथन।
कौन बनेगा बिहार का किंगमेकर?
इस समय सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि:
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क्या बीजेपी अपने NDA सहयोगियों को मना पाएगी?
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क्या तेजस्वी अपनी ग्रासरूट रणनीति से वोटर्स को जोड़ पाएंगे?
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और क्या इन बैठकों से कोई बड़ा ऐलान निकल कर आएगा?
बिहार का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा — इसका रोडमैप शायद आज की इन बैठकों से तय हो जाए।
बिहार चुनाव 2025 की गर्मी अब राष्ट्रीय स्तर पर महसूस की जा रही है। बीजेपी की कमान जहां केंद्रीय नेतृत्व ने संभाल ली है, वहीं आरजेडी अपने जमीनी संगठन और तेजस्वी के फील्डवर्क पर भरोसा कर रही है।
सीट बंटवारे की टक्कर हो या वोट बैंक की जंग — अब बिहार में मुकाबला रोचक होता जा रहा है।
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यह चुनाव सिर्फ बिहार नहीं, देश की राजनीति के लिए भी बड़ा संकेतक बन सकता है।
